दिन रात मशीन की तरह काम करने में लगा मनुष्य ये जानते हुए भी नहीं समझता की मृत्यु के बाद उसके ज़रिये किया गया काम नहीं बल्कि वो पुण्य कर्म उसके साथ जाते हैं जो उसने अपने जीवन काल के दौरान धर्म-कर्म करके प्राप्त किये हैं यदि थोडा सा समय निकाल कर मानव हमारे शास्त्रों द्वारा बताये गए निर्देशों पे चले तो भी वह पुण्य कर्म अर्जित कर सकता है। ऐसा ही कुछ पुण्य कर्म के विषय में वर्णित है गरुड़ पुराण में तो आइए जानते है की वो क्या है जिनके दर्शन मात्र से अक्षयपूण्य प्राप्त हो सकता है
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