क्या आपने कभी ये सुना है कि किसी दादी ने अपने पोते को जन्म दिया? ये यकीनन आपको सुनने में बिल्कुल झूठ लग रहा होगा लेकिन बता दे ऐसा हुआ है, जहा एक दादी ने अपने ही पोते को जन्म दिया है। इस घटना के बारे में जिसे भी पता चला वह यही सोचने पर हो गया मजबूर की ऐसा कैसे सम्भव हो सकता है भला एक दादी अपने ही पोते को जन्म दे?
जानिए पूरी घटना
दरअसल 50 वर्षीय महिला जिनका नाम ‘पैटी रीस्कर‘ है अपने पोते को जन्म देने के कारण हाल ही में काफी सुर्खियों में रही। पैटी की बहू ‘काइला जोन्स‘ को डॉक्टरों ने ये कह दिया था कि वह आंशिक हिस्टेटरेक्टॉमी नामक रोग के चलते बच्चा पैदा करने में सक्षम नहीं हैं। जब ये बात उन्होंने अपनी सास पैटी रीस्कर को बताई तो उनसे अपनी बहु का दुःख देखा नही गया और पैटी ने अपनी बहू के लिए ‘सोरोगेट मदर‘ बनने का फैसला लिया।
पैटी ने डॉक्टर से अपनी जांच कराई जहा 50 साल की उम्र होने के बावजूद डॉक्टर ने उन्हें बताया कि अभी वह मां बनने के लिए बिलकुल सक्षम है। इसके बाद पैटी रीस्कर ने हार्मोनल इंजेक्शन की मदद से गर्भधारण किया।
पैटी रीस्कर ने दिसंबर 2017 में काइल जोन्स के बेटे को जन्म दिया। अपने बच्चे का नाम उन्होंने Kross रखा है। सास के बदौलत काइला की जिंदगी में फिर से खुशियां लौट आई।
क्या है ‘सोरोगेट मदर‘ का मतलब
यदि कोई महिला माँ न बन सके तो इस विधि को अपना कर बच्चे की कमी पूरी की जा सकती है।सरोगेसी दो प्रकार की होती है एक ट्रेडिशनल सरोगेसी और दूसरी जेस्टेशनल सरोगेसी।
ट्रेडिशनल सरोगेसी में- पिता के शुक्राणुओं को एक अन्य महिला के अंडाणुओं के साथ निषेचित किया जाता है। इसमें जैनेटिक संबंध सिर्फ पिता से होता है।
दूसरा है – जेस्टेशनल सरोगेसी में माता-पिता के अंडाणु व शुक्राणुओं का मेल परखनली विधि से करवा कर भ्रूण को सरोगेट मदर की बच्चेदानी में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है। इसमें बच्चे का जैनेटिक संबंध माता-पिता दोनों से होता है।