माँ आदिशक्ति दुर्गा की पूजा, आराधना, और उनमे समर्पण का पर्व नवरात्रे कहलाता है जिसमे माँ के 9 रूपों का 9 दिन तक भक्ति भाव से पूजा की जाती है |
जाने दुर्गा माँ की महिमा
एक कथा के अनुसार पहले भगवान श्री राम ने लंका विजय के ठीक १० दिन पहले नवरात्रों में माँ भगवती की पूजा अर्चना की थी तभी से यह मुख्य पर्व बन चूका है | जो मनुष्य सच्चे मन से माँ की आराधना करता है वह माँ की कृपा से स्वर्ग और मोक्ष की प्राप्ति करता है |
कैसे करे माँ की आराधना
नवरात्रि के हर दिन अलग अलग माँ के रूपों की पूजा की जाती है | इस 9 दिनों में पवित्रता और शुद्धि का विशेष ध्यान रखा जाता है | इन नियमो का पालन और विधिपूर्वक की गयी पूजा से माँ दुर्गा की कृपा मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। घर में सकारात्मक उर्जा का संचार होता है और नकारात्मक उर्जा ख़त्म होती है |
- जितना हो सके लाल रंग के पुष्प वस्त्र का प्रयोग करे क्योकि लाल रंग माँ को बहुत पसंद है |
- सुबह और शाम मां के मंदिर में या अपने घर के मंदिर में दिया जलाये ।
- मां का पाठ करें दुर्गा सप्तसती और दुर्गा चालीसा पढ़े ।
- हर दिन माँ की आरती करे ।
- मां को हर दिन पुष्प माला चढाएं।
- नौ दिन तक स्वच्छ तन और मन से उपवास रखें।
- अष्टमी-नवमीं पर विधि विधान से कन्या पूजन करें और उनसे आशीर्वाद जरूर लें।
- घर पर आई किसी भी कन्या को खाली हाथ विदा न करें।
- नवरात्र काल में माँ दुर्गा के नाम की ज्योति अवश्य जलाए। अखण्ड ज्योत जला सकते है तो उतम है। अन्यथा सुबह शाम ज्योत अवश्य जलाए।
- जमीन पर सोए ।
- अन्तिम नवरात्र में घर पर 9 कन्याओं को दुर्गा रूप मान कर पुजन करे और भोजन कराए ।
क्या ना करे नवरात्रों में
- संभव हो तो नौ दिन उपवास करें।
- लहसुन-प्याज का सेवन न करें। यह तामसिक भोजन में आता है।
- कैंची का प्रयोग ना करें।
- दाढी, नाखून व बाल काटना नौ दिन तक वर्जित है ।
- चुगली, लालच झूट इनसे दूर रहकर हर समय मां का गुनगाण करते रहें।
- मां के मंदिर में अन्न वाला भोग प्रसाद अर्पित न करे ।