भारत और नेपाल में भगवान भोलेनाथ के मंदिर हर एक छोटे से छोटे स्थान में आराम से देखने को मिल जाते है। हालांकि ये अपने आप में एक चौकाने वाली बात है कि पाकिस्तान में एक हिन्दू शिव मंदिर कैसे तो चलिये हम आपकी ये उलझन दूर करते है।
दरअसल ये मंदिर पाकिस्तान में स्थित है ऐसा माना जाता है की इस मंदिर का संबंध पाण्डव और देवी सती की घटना से है। ऐसी मान्यता है कि वनवास के दौरान पाण्डव करीब 4 साल तक यहां रहे थे और वहा रहकर इन्होंने कटासराज शिवलिंग की पूजा की थी।
पाकिस्तान में लाहौर से करीब 270 किलोमीटर की दूरी पर एक प्राचीन शिव मंदिर है। यह शिव मंदिर कटासराज के नाम से प्रसिद्ध है। कहते हैं, इस मंदिर में स्वयंभू शिवलिंग स्थित है। पाकिस्तान स्थित कटासराज तीर्थ स्थान के संबंध में यह भी मान्यता है कि यहां पर भगवान शिव का देवी पार्वती के संग विवाह हुआ था।
यहाँ एक अनोखा सरोवर भी है। इस सरोवर का पानी दो रंग का है। अधिक गहराई वाले स्थान का पानी नीला और कम गहरे वाले स्थान का पानी हरा है।
इस सरोवर की है एक कथा भी
मान्यता है कि सती के प्राण त्यागने के बाद महादेव जब सती का शव लेकर इधर उधर भटक रहे थे तब उनकी आंखों से दो बूंद आंसू गिर थे। इनमें एक बूंद आंसू से यह सरोवर बन गया। और दूसरा बूंद पुष्कर में गिरा था।