बहुत समय पहले की बात है किसी नगर में एक व्यापारी के यहाँ एक कुत्ता और बिल्ली रहते थे। दोनो में इतनी अच्छी दोस्ती थी कि वो हमेशा साथ रहते और साथ ही खाते थे। व्यापारी बहुत ही कंजूस था। एक बार उसे व्यापर में घाटा हो गया तो उसने उन दोनों का भरपेट खाना भी बंद कर दिया। पहले उन्हें ज्यादातर मांस खाने को मिलता था लेकिन अब हफ्ते में बस एक ही बार मांस मिलता था। उन दोनों का मांस खाने का बहुत मन करता था।
एक दिन दोनों ने इस मसले पर व्यापारी से बात करने का विचार किया लेकिन इससे पहले उन्होंने आपस में सलाह कर ली थी कि आखिर मालिक से जाकर क्या बात करनी है। दोनों सलाह मिला कर मालिक के पास पहुँच गए।
वहां जाकर कुत्ता व्यापारी से बोला, “ मैं आपके घर की रखवाली करता हूँ और ये आपके अनाज को चूहों से बचाती है, फिर भी आप हमें भरपेट खाना नहीं देते। यदि आप चाहते है कि हम दोनों ऐसे ही आपके लिए काम करें तो हमे तनख्वाह और हर रोज़ खाने में मांस चाहिए।” यह सुनकर व्यापारी बोला, “ तुम तनख्वाह का क्या करोगे? हाँ, मैं तुम्हे हर दिन मांस दे दिया करूँगा।”
इतने में बिल्ली बोली, “हमे आपकी बातों पर विश्वास नहीं है| इसीलिए आपको इस समझौते पत्र पर अपने हस्ताक्षर करने होंगे।” व्यापारी ने उस पर हस्ताक्षर कर दिए। अब दोनों बहुत खुश हो गए । बिल्ली ने वो कागज़ उतार बड़े ही ध्यान से भंडार कक्ष में एक संदूक में रख दिया।
समझौते के मुताबिक अब व्यापारी उन्हें रोज़ मांस देने लगा , लेकिन कुछ ही दिनों बाद उसने अपना समझौता तोड़ दिया और फिर से उन्हें सादा खाना देने लगा। यह देखकर दोनों गुस्से से लाल पीले हो गया और मालिक के पास जा पहुँचे।
वहाँ जाकर दोनों बोले, “ आपने अपना समझौता तोडा हैं। अब आप हमें खाने में रोज़ मांस क्यूँ नही देते ?”
व्यापारी ने अनजान बनते हुए कहा , “कौन सा समझौता , मैं किसी समझौते को नहीं जानता।”
“आपने उस समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं आप अब मुकर नहीं सकते”, कुत्ते ने कहा।
व्यापारी बोला , “ कहाँ है वो समझौता पत्र मुझे भी दिखाओ।” व्यापारी के इतना कहते ही बिल्ली भण्डार कक्ष की ओर दौड़ पड़ी और कागज़ निकालने ने के लिए जैसे ही उसने संदूक खोला तो वह हक्की बक्की रह गई क्योंकि चूहों ने सारे कागज़ कुतर कुतर कर उनका चूरा बना रखा था । वह उन्हें वैसे ही उठाकर व्यापारी के पास ले गई लेकिन व्यापरी ने उन्हें मानने से साफ़ इनकार कर दिया और बोला , “ हमारे बीच कोई समझौता नहीं हुआ हैं इसलिए तुम्हें कोई मांस नहीं मिलेगा।”
व्यापारी के इतना कहते की कुत्ते को बिल्ली पर बहुत गुस्सा आया और वह बोला, “ तुम्हारी वजह से अब हमें खाने में मांस नहीं मिलेगा।अगर तुम उन कागजों को संभालकर रखती तो ऐसा कभी नही होता। अब मैं तुम्हें छोडूंगा नहीं।”
इतना कहते ही कुत्ता बिल्ली को मारने के लिए उस पर झपट पड़ा। बिल्ली जैसे – तैसे अपनी जान बचाकर भागी। उस दिन से ही कुत्ता – बिल्ली और बिल्ली -चूहे एक दूसरे के दुश्मन बन गए।