इस दुनिया में एक ऐसी जनजाति भी है जहाँ ये सब कुछ होता है। अफ्रीका के नाइजर के पास रहने वाली तुआरेग नाम की मुस्लिम जनजाति में ऐसा ही है। यहां की परंपराओं के बारे में अगर आप जानेंगे तो आप चौक जाएंगे। यह जनजाति दुनिया के गिने चुने मुस्लिम जनजातियों में से एक है। इस जनजाति का संबंध इस्लाम से अवश्य जोड़ा जाता है लेकिन इसके नियम इस्लाम और इस्लामिक नियमों के एकदम उलटा हैं। जहाँ इस्लाम जगत में महिलाओं का शर्म-लिहाज और पर्दा ही उनका गहना माना जाता है। वहीं यहां पर महिलाओं को शादी से पहले कई मर्दों से संबंध बनाने की इजाजत होती है। यहीं नहीं वो अपने मन से ही शादी करती हैं।
यहाँ बसा है तुआरेग इलाका:
तुआरेग जनजाति” की जो मुख्य रूप से सहारा के इलाकों पर बसती हैं। नाइजीरिया में एक छोटा सा दल है इस जनजाति ने इस्लाम को अपना धर्म माना है। लेकिन इनके रीति-रिवाज इस्लाम धर्म से बिलकूल भी मेल नही खाते हैं।
यहाँ के ये है रीती रिवाज़:
- इस्लाम में महिलाओं को पर्दा रखना होता है। ऐसे नियम कुछ और धर्मों में भी हैं पर यहाँ है। उल्टा लेकिन तुआरेग प्रजाति की महिलाएं नही लेती पर्दा बल्कि पुरुष अपना चेहरा ढांककर रखते है।
- यहाँ युवतियां शादी से पहले एक से ज्यादा पुरुषों से सबंध बना सकती है पर शर्त सिर्फ इतनी होती है। कि यहाँ रात के समय युवतियों के टेंट में आए पुरुष रात भर उनके साथ रहे और सुबह सूरज उगने से पहले टेंट छोड़ दें।
- यदि कोई महिला अपने पति से तलाक ले लेती है। तो उसकी सारी जायदाद, बच्चे और जानवर भी महिला के हो जाते हैं । कोई भी महिला तलाक बाद अपने पति से कितना हक लेना चाहती है इसका निर्णय वो खुद करती है।
- यहाँ पुरुषों का अपनी सास और अन्य किसी महिला के सामने भोजन करना भी अपमानजनक माना जाता है।
- यहाँ तलाक को कोई बड़ी बात नही माना जाता, बल्कि लडकी की माँ खुद अपनी बेटी के तालक का जश्न मनाती है । ताकि मर्दों को भी पता चल जाए कि उनकी बेटी फिर से नए रिश्ते के लिए तैयार है।
- यहाँ पिता का नही, माँ का नाम बच्चे के साथ जोड़ा जाता है। यहाँ काफी प्राचीन समय से ही महिलाओं का वंश चलता आ रहा है।
- तुआरेग जनजाति में व्यापार और राजनीति में पुरुष सक्रिय होते हैं लेकिन वे परिवार की महिलाओं से राय लिए बिना कोई फैसला नही करते।