सभी विवाह की अलग-अलग रीतियां हैं। इनमें गन्धर्व विवाह काफी चर्चित विवाह का प्रकार है। गांधर्व विवाह के बारे में वेद व्यास ने महाभारत में एक प्रसंग बताया है जिसे हम आपको बताने जा रहे है।गन्धर्व विवाह के साथ हिन्दू शास्त्रों में विवाहों के जो प्रकार बताए गए हैं वे हैं-
- ब्रह्म विवाह
- दैव विवाह
- आर्ष विवाह
- प्राजापत्य विवाह
- आसुर विवाह
- गन्धर्व विवाह
- राक्षस विवाह
- पैशाच विवाह
क्या है ? गन्धर्व विवाह:
गन्धर्व विवाह में वर और कन्या दोनों एक दुसरे को स्वीकार लें तो यह गन्धर्व विवाह कहलाता है इस विवाह में वर-वधू को अपने अभिभावकों की अनुमति लेने की ज़रूरत नहीं पड़ती थी। युवक युवती के परस्पर राजी होने पर और एक दुसरे को स्वीकार ने पर यह विवाह संपन्न मान लिया जाता था। इसे आधुनिक प्रेम विवाह का प्राचीन रूप भी कह सकते हैं।
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