Maa Vaishno Devi Yatra Information in Hindi – चलो बुलावा आया हैं माता ने बुलाया हैं, अगर आपका भी बुलावा आ गया हैं तो माँ वैष्णो के दरबार जाने से पहले जरा जान लीजिए कि माता वैष्णो रानी के धाम की यात्रा कैसे और कब करें। इस लेख में आप वैष्णो देवी यात्रा से जुडी सभी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
माँ के दरबार पहुंचने के लिए सबसे पहले क्या करें…..
वैसे माँ वैष्णो के दरबार जाने की जो खुशी और उमग दिल में उठती हैं उस उमग के साथ जाने का मज़ा दोगुना हो जाता हैं लेकिन अगर आप पहली बार वैष्णो देवी दर्शन को जाने का सोच रहे हैं। तो आपको बता दे कि साल 2017 से कुछ नियम बदल चुके हैं। लेकिन इससे पहले चलिए जानते है की माँ के दरबार कैसे पहुँचे…
माँ के दरबार कैसे पहुँचे
->जम्मू->कटरा->अर्द्धकुवारी->वैष्णो भवन
आप देश के किसी भी कोने से जम्मू तक बस, ट्रेन या फिर हवाई जहाज द्वारा पहुँच सकते हैं। माँ वैष्णो देवी की यात्रा का पहला पड़ाव जम्मू ही होता है। या फ़िर आप दिल्ली से होते हुए भी जम्मू तक पहुँच सकते हैं।
अगर आप ट्रेन से यात्रा करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको जम्मू तवी रेलवे स्टेशन पहुँचना होगा। वैसे अब कटरा तक भी रेल सेवा उबलब्ध हैं । कटरा के श्री माता वैष्णो देवी कटरा रेलवे स्टेशन तक दिल्ली समेत देश के कई बड़े शहरोँ से सीधे रेल सेवा उबलब्ध हैं ।
यात्रा से पहले और बाद ठहरने की व्यवस्था
माता के भवन में जाने वाले यात्रियों के लिए जम्मू, कटरा, भवन के आसपास स्थानों पर माँ वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की कई धर्मशालाएँ व होटल हैं, जिनमें विश्राम करके आप अपनी यात्रा की थकान को मिटा सकते हैं।
जम्मू तवी रेलवे स्टेशन से 5 मिनट की दुरी पर आपको Shri Mata Vaishno Devi Shrine Board द्वारा बनाया वैष्णवी धाम और सरस्वती धाम में बढ़िया और सस्ते दरो पर Dormitory, AC और non-ac रूम मिल जाएगे।
ऐसी ही ठहरने की सुविधा आपको कटरा में श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड द्वारा संचालित Niharika, Shakti Bhawan, Trikuta Bhawan के नाम से मिल जाएगी। आप चाहें तो प्राइवेट होटलों में भी रुक सकते हैं।
माँ के भवन तक की यात्रा की शुरुआत कटरा से होती है…..
आप जम्मू से बस या टैक्सी और आजकल तो ट्रेन भी जाती है जिसके द्वारा कटरा पहुँच सकते हैं। जम्मू रेलवे स्टेशन से कटरा तक की दुरी लगभग 48 km. है । कटरा तक जाने के लिए आपको जम्मू तवी रेलवे स्टेशन के बाहर से ही कई बसें मिल जाएँगी, जो आपको 2 घंटे में ही आसानी से कटरा तक पंहुचा सकते हैं।
जरुरी हैं यात्रा पर्ची
माँ के दर्शन के लिए रातभर यात्रियों की चढ़ाई का सिलसिला चलता रहता है। भवन में प्रवेश के लिए यात्री के पास यात्री पर्ची होनी अनिवार्य हैं। हमको सबसे पहले पर्ची लेनी होती है ।
माता के दर्शन के लिए यात्रा पर्ची की सुविधा कटरा बस स्टैंड, Vaishnavi Dham Jammu, Saraswati Dham Jammu में निशुल्क उपलब्ध हैं । आप यात्रा पर्ची ऑनलाइन भी प्राप्त कर सकते हैं । इसके लिए आप श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की आफिशियल वेबसाइट पर जा सकते हैं । पूरी जानकारी के लिए यहाँ पढ़े..
साल 2017 नवम्बर से अब एक दिन में इतने लोग कर सकते हैं दर्शन
अगर आपने माँ वैष्णो की यात्रा का प्लान बनाया है तो आपको बता दे कि अब से एक दिन में केवल 50 हजार श्रद्धालु ही वैष्णो माता के दर्शन कर सकते हैं। ऐसा NGT यानि नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल का फैसला हैं । इसका कारण यह हैं कि वैष्णो देवी भवन की कुल क्षमता 50 हजार से अधिक नहीं है।
अगर माता के श्रद्धालुओं की संख्या 50,000 से अधिक होगी, तो उन्हें कटरा या फ़िर अर्द्धकुंवारी में ही रोक दिया जाएगा। मतलब की आपको यात्रा पर्ची नहीं मिलेगी, बिना यात्रा पर्ची के आप भवन में प्रवेश नहीं कर सकते। हो सकता हैं कि भीड़ ज्यादा बढ़ जाने से आपको ठहरने के लिए होटल या फ़िर धर्मशाला भी न मिले ।
पर्ची लेने के बाद ही आप कटरा से वैष्णो दरबार तक की चढ़ाई शुरु कर सकते हैं……
पर्ची लेने के तीन घंटे बाद तक आपको चढ़ाई के पहले ‘बाण गंगा’ चैक पॉइंट पर इंट्री करानी पड़ती है और वहाँ सामान की चैकिंग कराने के बाद ही आप चढ़ाई प्रारंभ कर सकते हैं। यदि आप यात्रा पर्ची लेने के तीन घंटे बाद तक चैक पोस्ट पर इंट्री नहीं कराते हैं तो आपकी यात्रा पर्ची रद्द हो जाती है। इसलिए ध्यान पूर्वक पर्ची जरुर ले, यात्रा प्रारंभ करते वक्त ही यात्रा पर्ची लेना ही ठीक होता है। और यदि आपके पास यात्रा पर्ची नहीं है तो आपको बाण गंगा’ चैक पॉइंट से वापस लौटना पड़ सकता हैं ।
हेलिकॉप्टर की सुविधा
जो यात्री कम समय में माँ के दरबार जाना चाहते है । तो वह हेलिकॉप्टर सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। लगभग 1005 से 2200 रुपए देकर यात्री कटरा से ‘साँझीछत’ तक हेलिकॉप्टर से पहुँच सकते हैं। साँझीछत हेलीपेड से उतरकर आपको लगभग 2.5 km भवन के लिए पैदल चलकर जाना होंगा।
क्लोक रूम’ की सुविधा
कटरा से भवन तक की चढ़ाई के अनेक स्थानों पर क्लोक रूम’ की सुविधा भी उपलब्ध है, जिनमें निर्धारित शुल्क पर अपना सामान रखकर यात्री आसानी से चढ़ाई कर सकते हैं।
कटरा से अर्धक्वाँरी तक एक रास्ता और अर्धक्वाँरी से वैष्णो भवन तक दो रास्ते बने हैं। आजकल यात्रीयो के लिए अर्धक्वाँरी से भवन तक की चढ़ाई के लिए बैटरी कार की भी सुविधा कर दी गई है।, जिसमें लगभग 3 से 4यात्री एक साथ बैठ सकते हैं। माता की गुफा के दर्शन के लिए बहुत से भक्त पैदल चढ़ाई करते हैं और कुछ इस कठिन चढ़ाई को आसान बनाने के लिए पालकी, घोड़े या पिट्ठू किराए पर लेते हैं।
यात्रा के दौरान आपको जगह-जगह पर जलपान व भोजन, मेडिकल, डॉक्टर, बाथरूम की व्यवस्था मिलेगी, इस कठिन चढ़ाई में आप थोड़ा विश्राम कर चाय, कॉफी पीकर फिर से उसी जोश से अपनी यात्रा प्रारंभ कर सकते हैं।
कटरा ही वह अंतिम स्थान है जहाँ तक यातायात के साधनों से आप पहुँच सकते हैं। कटरा से 12 किमी की खड़ी चढ़ाई पर भवन माता वैष्णो देवी की पवित्र गुफा है। भवन से 8 किमी दूर ‘भैरवनाथ का मंदिर’ है। भवन से भैरवनाथ मंदिर की चढ़ाई हेतु किराए पर पिट्ठू, पालकी व घोड़े की सुविधा भी उपलब्ध है।
छोटे बच्चों को चढ़ाई पर उठाने के लिए भी आप वहा के स्थानीय निवाशियो को बुक कर सकते हैं, जो निर्धारित शुल्क पर आपके बच्चों को पीठ पर बैठाकर चढ़ाई करते हैं।
अगर आप नवरात्रों में जाना चाहते है तो यहा लगता है तब भव्य मेला…..
माँ वैष्णो देवी के दरबार में नवरात्रि के नौ दिनों में हर दिन लाखों की संख्या में भक्त आते हैं। कई बार तो श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या से ऐसी स्थिति हो जाती है कि पर्ची काउंटर से यात्रा पर्ची देना बंद करनी पड़ती है।
कटरा व जम्मू के नज़दीक कई दर्शनीय स्थल हैं, जहाँ जाकर आप जम्मू की ठंडी हसीन वादियों का लुत्फ उठा सकते हैं। जम्मू में अमर महल, बहू किला, मंसर तालाब, रघुनाथ मन्दिर आदि देखने लायक स्थान हैं।
कटरा के नजदीक शिव खोरी, झज्झर कोटली, सनासर, बाबा धनसार, मानतलाई, कुद, बटोट आदि कई दर्शनीय स्थल हैं। जहा पर आप जा कर आप अपनी यात्रा को यादगार बना सकते हैं।
माँ वैष्णो के दरबार जाने का सबसे अच्छा समय और मौसम
माँ के दरबार जाने का सबसे अच्छा मौसम गर्मी का है। वैसे तो माँ वैष्णो देवी के दर्शनार्थ वर्षभर भक्त जाते हैं पर सर्दियों में भवन का न्यूनतम तापमान -3 से -4 डिग्री तक चला जाता है और बरसात के मौसम में पहाड़ो के खिसकने का खतरा भी रहता है। इस मौसम में यात्रा करने से बचे ताकि दिक्कतों का सामना न करना पड़े। यदि आप यात्रा पर जाना चाहते हैं तो आपकी यात्रा मंगलमय हो।
“जय माता दी ”