कई लोग हर साल धार्मिक यात्रा पर जाते है ।जिनमे से केदारनाथ बद्रीनाथ और यमनोत्री भी है ।आज हम इन्ही धार्मिक स्थलों की बात करने जा रहे है की आप यहाँ कैसे जा सकते है तो नीचे पढ़िए।
बात हो रही है इन तिन धार्मिक स्थानों की –
केदारनाथ :
यह धार्मिक स्थल उत्तराखण्ड के रूद्रप्रयाग जिले में पड़ता है आपको केदारनाथधाम के लिए हरिद्वार से 165 किलोमीटर तक पहले रुद्रप्रयाग या ऋषिकेश आना पड़ता है इसके बाद ऋषिकेश से गौरीकुण्ड की दूरी 76 किलोमीटर है।
यहां से 18 किलोमीटर की दूरी पार करके केदारनाथ के धाम पहुंच सकते हैं। गौरीकुण्ड से जंगलचट्टी 4 किलोमीटर है। उसके बाद रामबाड़ा एक प्रशिद्ध स्थान यहाँ पड़ता है उसके बाद आएगा लिनचैली।
गौरीकुण्ड से यह जगह 11 किलोमीटर दूर है। लिनचैली से लगभग 7 किलोमीटर की पैदल चलकर केदारनाधाम पहुंचा जाता है। श्रद्धालु आसानी से केदारनाथ धाम पहुंच सकते हैं।
बद्रीनाथ यात्रा :
बद्रीनाथ तक गाड़ियां जाती हैं, यदि मौसम बढिया हो तो यहां मौसम अनुकूल होने पर पैदल नहीं जाना पड़ता। बद्रीनाथधाम को बैकुण्ठ धाम भी कहा जाता है। बैकुण्ठधाम जाने के लिए ऋषिकेश से देवप्रयाग, श्रीनगर, रूद्रप्रयाग, कर्णप्रयाग, चमोली, गोविन्दघाट होते हुए पहुंचा जाता है।
यमुनोत्री यात्रा :
यमुनोत्री मंदिर भी उत्तरकाशी जिले के यमुनाघाटी में पड़ता है। यमुनोत्री मंदिर समुद्र तल से 3323 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहां जाने के लिए 6 किलोमीटर की यात्रा पैदल करनी होती है।
यमुनोत्री मंदिर में मां यमुना की पूजा अर्चना होती है। यमुनोत्री मंदिर का निर्माण गढ़वाल नरेश सुदर्शन शाह ने 1855 के आसपास करवाया था और इसके बाद यहां मूर्ति स्थापित की।
यमुनोत्री पहुंचने के लिए धरासू तक का मार्ग जो गंगोत्री का है। इसके बाद धरासू से यमुनोत्री की तरफ बड़कोट फिर जानकी चट्टी तक बस द्वारा यात्रा होती है। जानकी चट्टी से 6 किलोमीटर चलकर यमुनोत्री पहुंचा जाता है।