नवरात्र के नौ दिनों में मां के अलग-अलग रुपों की पूजा को शक्ति की पूजा के रुप में भी देखा जाता है।माँ के इन नौ रूपों की पूजा अर्चना करके लोग खूब लाभ उठाते है ।आज हम आपको मार्च से लेकर अप्रैल तक होने वाले माता के नौ दिनों की जानकारी देने जा रहे है।
माँ के नौ रूप और व्रत का तरीका :
मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्रि मां के नौ अलग-अलग रुप हैं। नवरात्र के पहले दिन घटस्थापना की जाती है। इसके बाद लगातार नौ दिनों तक मां की पूजा तथा उपवास किया जाता है। दसवें दिन कन्या पूजन के पश्चात उपवास खोला जाता है।
उपवास की तिथियाँ इस प्रकार है :
प्रतिपदा घटस्थापना – नवरात्री पहला दिन – 28 मार्च 2017 (मंगलवार) | |||||||
द्वितीय चंद्र दर्शन, सिन्दूर दूज , चंद्रघटा पूजा, द्वितीय – 29 मार्च 2017 (बुधवार) | |||||||
तृतीय गौरी तीज, सौभाग्य तीज, चंद्रघटा पूजा – 30 मार्च 2017 (गुरुवार) | |||||||
चतुर्थी कुष्मांडा पूजा, वरद विनायक चौथ – 31 मार्च 2017 (शुक्रवार) | |||||||
पंचमी नाग पूजा, लक्ष्मि पंचमी, स्कन्दमाता पूजा, स्कन्द सष्टि – 01 अप्रैल 2017 | |||||||
षष्टी यमुना छट, कात्यायनी पूजा – 02 अप्रैल 2017 – | |||||||
सप्तमी महा सप्तमी, कालरात्रि पूजा – 03 अप्रैल 2017 | |||||||
अष्टमी दुर्गा अष्टमी, महागौरी पूजा, अन्नपूर्णा अष्टमी, संधि पूजा – 4 अप्रैल 2017 | |||||||
नवमी राम नवमी नवरात्री प्रणा – 5 अप्रैल 2017 |