गाय के मूत्र और गोबर का एक सही उपयोग किया जाये। तो खेती में आप चार चौगनी तरक्की कर सकते है। और अपनी खेती को खूब बड़ा सकते है ।अच्छी फसल के लिए केंचुए की खाद, सड़ी-गली पत्तियों की खाद, रासायनिक खाद आदि इस्तेमाल किए जाते ही है जिनके बारे में हम पहले ही बता चुके भी है।आज हम बताएगे की गोमूत्र और गोबर उत्तम उर्वरक के रूप में प्रयोग कैसे किए जाते हैं।तो नीचे पढ़िए।
प्राकृति की देन का इस्तमाल करे सही तरीके से :
गोमूत्र और गोबर सर्वश्रेष्ठ उर्वरक हैं, क्योंकि यह एक अच्छा रासायनिक उर्वरक है यह फसलोत्पादन में वृद्धि करते हैं, खेत को बहुत उपजाऊ भी बनाता है,गोमूत्र और गोबर का उर्वरक खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता में वृद्धि करता है, वहीं भूमि की गुणवत्ता भी बनाए रखता है। यह सुलभ और प्राकृतिक खाद है जिसके होने पर किसानो को किसी अन्य उर्वरक पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है।
जमीन को बनाए उपजाऊ :
आपको पता है ?रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के प्रयोग से भूमि की गुणवत्ता नष्ट हो जाती है और भूमि अपना उपजाऊ पन खो देता है। जिससे फसल अच्छी नही हो पाती और किसानो को कई नुक्सान का सामना करना पड़ता है अगर ऐसी भूमियों में यदि गोबर और गोमूत्र का प्रयोग किया जाए तो फसल के लिए उपयोगी जीवाणुओं में वृद्धि होती है और भूमि की गुणवत्ता भी बनी रहती है।
गौमूत्र में होता है इनका मिश्रण :
गोमूत्र में नाइट्रोजन, गंधक, अमोनिया, तांबा, यूरिया, यूरिक एसिड, फास्फेट, सोडियम, पोटेशियम, मैग्नीज, कार्बोलिक एसिड आदि पाए जाते हैं। उपरोक्त के अलावा लवण, विटामिन, ए,बी,सी,डी,ई, हिप्युरिक एसिड, क्रियाटिनिन, स्वर्ण क्षार पाए जाते हैं।