संसार में कुछ लोग आस्तिक है तो कुछ नास्तिक ,पर धर्म कर्म का विशेष महत्व बताया गया है ज्योतिष शास्त्रों में पूजा पाठ के बाद परिक्रमा करना पूजन का खास अंग है। शास्त्रों में माना गया है कि परिक्रमा से पाप खत्म होते हैं। विज्ञान की नजर से देखें तो शारीरिक ऊर्जा के विकास में परिक्रमा का विशेष महत्व है।विज्ञान भी कहता है की परिक्रमा या ध्यान एक शारीरिक उर्जा को बढ़ाने का अच्छा माध्यम है, विधि वत पूजा अर्चना करने पर सुखो की प्राप्ति मनकी शांति,समृधि की प्राप्ति होती है
आज हम आपको बता रहे हैं ,कि किस भगवान के पूजा के बाद कितनी परिक्रमा करनी चाहिए कुछ ही लोग जानते होगे की किस देवता के पूजन के बाद कितनी परिक्रमा करनी चाहिए ,पर जिन जातक को यह नही पता उनके लिए आज हम ये बता रहे है आप नीचे पढकर ज्ञान प्राप्त कर सकते है इन परिक्रमा के विषय में, आगे की स्लाइड्स में जानिए किस देवी-देवता की कितनी परिक्रमा करनी चाहिए।
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