छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में यह गणेश जी की मूर्ति स्थापित है ।इस जगह को ढोल कल की पहाड़ी कहते हैं यहाँ रखी गणेश जी की मूर्ति आश्चर्य का कारण बनी हुई है ।क्योकि यह 3000 फीट ऊंची पहाड़ी पर बनाई गई है। इस पहाड़ी पर चढऩा आसान काम नही है। यह मूर्ति सैकड़ों साल पुरानी है। इसे पुरातत्व विभाग ने खोजा है। इसे देखने वाले बस यही कहते है की इस मूर्ति को किसने और क्यों रखी इतनी ऊचाई पर।
पुरातत्व विभाग के अनुसार…
यह मूर्ति 6 फीट ऊंची 2.5 फीट चौड़ी ग्रेनाइट पत्थर से बनी है इस गणेश मूर्ति में चार हाथ है जिसमे दांये हाथ में फरसा, ऊपरी बांये हाथ में टूटा हुआ एक दंत, नीचे दांये हाथ में अभय मुद्रा में अक्षमाला धारण किए हुए तथा नीचे बांये हाथ में मोदक लिए हुए है।
नागवंशी शासकों के द्वारा मानी जाती है इनकी स्थापना …..
पुरातत्व विभाग के डॉ. हेमू यदु कहते है की इस विशाल मूर्ति को दंतेवाड़ा क्षेत्र रक्षक के रूप में पहाड़ी की चोटी पर स्थापित किया गया होगा। यहीं कारण है कि उन्हें नागवंशी शासकों ने इतनी ऊंची पहाड़ी पर स्थापित किया।