रुद्राक्ष एक प्रकार का दाना है ।हिन्दु धर्म मे रुद्राक्ष के पेड़ और रुद्राक्षदाना दोनो का बराबर महत्व है। हिन्दु धर्म मे रुद्राक्ष को बहुत ही पवित्र स्थान दिया है ये भी कहाँ गया है की रुद्राक्ष भगवान शिव ही है। और रुद्राक्ष दाना भगवान महादेव जी के प्रिये आभूषण भी है।
रुद्राक्ष के वृक्ष यहाँ पाए जाते है :
रुद्राक्ष के वृक्ष विशेषकर नेपाल मे मिलते है लोग नेपाल का ही रुद्राक्ष पुजा में अथवा धारण करने मे इस्तमाल में लाते है क्योकि ये मान्यता है की नेपाल का रुद्राक्ष वास्तविक रुद्राक्ष है ।जो लाभदायक होता है ।इसमें एक प्रकार की शक्ति होती है कुछ रूद्राक्षों में प्राकृतिक रूप से छेद होता है ।ऐसे रूद्राक्ष बहुत शुभ माने जाते हैं। जबकि ज्यादातर रूद्राक्षों में छेद करना पड़ता है।
पुराण के अनुसार कहा गया है :
पुराणों के अनुसार रुद्राक्ष भगवान शिव के शरीर से कुछ बुन्द पसीना गिरने से उत्पन हुआ है ।अर्थात रुद्राक्ष मतलब शिव का एक रूप इसीलिए रुद्राक्ष को पूजा जाता।
रुद्राक्ष के लाभ :
- चारमुखी रुद्राक्ष को ब्रह्मा का रूप माना गया है। ये रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति को धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- एकमुखी रुद्राक्ष को शिवजी का ही रूप माना जाता है। जिन लोगों को महालक्ष्मी की कृपा और सभी सुख-सुविधाएं चाहिए उन्हें एकमुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।
- जिनको सभी परेशानियों से मुक्ति चाहिए और मनोवांछित फल प्राप्त करने की इच्छा है, उन्हें पंचमुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।