सूरजमुखी जो नही करता किसानो को दुखी

सूरजमुखी जो नही करता किसानो को दुखी (  )

सूरजमुखी की उत्पादन क्षमता व अधिक मूल्य के कारण सूरजमुखी की खेती, हरियाणा के किसानों में दिनोंदिन लोकप्रिय होती जा रही है। सूरजमुखी को बड़े पैमाने पर उगाने से न केवल खाद्य तेल उपलब्ध होगा बल्कि मुद्राओ में भी भारी अंतर पड़ेगा।

सूरजमुखी की विशेषता :

  • सूरजमुखी जल्दी पकने वाली फसल है, यह कम पानी में भी लग जाता है।
  • तापमान एवं प्रकाश के प्रति असंवेदनशील है।
  • सूरजमुखी को खरीफ, रबी दोनों मौसम में उगा सकते हैं।
  • सूरजमुखी के तेल से वनस्पति घी बनाया जाता है एवं बीमारियों के उपचार के लिए बहुत उपयोगी होती है।

hindirasayan

सूरजमुखी की खेती :

सूरजमुखी की अच्छी पैदावार लेने के लिए खेत में अच्छी नमी व मिट्टी का भूरभूरा होना बहुत जरूरी है। सिंचिंत भूमि में पहली जुताई एवं मिट्टी पलट हल से बाद दो जुताई  हल से कर खेत तैयार करते हैं। जनवरी से फरवरी तक का समय अति उत्तम है। लेकिन ध्यान रहे कि बिजाई के समय तापमान कम न हो अन्यथा अंकुरण में समस्या होती है।

सूरजमुखी में बीज की मात्रा :-

उन्नत किस्मों के बीज ले और  1 से 2 कि.ग्रा. बीज प्रति एकड़ पर्याप्त होता है।

सूरजमुखी में बीज की बुआई :

सूरजमुखी के बीज को चार से पाच  घण्टे तक भिगोयें ताकि बुआई के बाद वह जल्दी उग सके बीजो को चेक कर ले अच्छे से किसी फफूंदनाशी जैसे कैप्टान, थिराम, बैविस्टिन, काबेन्डाजिम आदि से अवश्य कर लें ताकि बीजो को बीमारी न हो वरना फसल ख़राब हो जाएगी। अधिक उत्पादन के लिए सूरजमुखी को मेंढ़ों पर लगायें उसमें बीज की गहराई बैड के ऊपरी सतरह से 6-8 सैं.मी. रखनी चाहिए। फिर  पानी प्रयाप्त मात्रा में दे उसके बाद 2-3 दिन बाद देनी चाहिए।

खाद डालना :

मिट्टी की जांच के आधार पर ही उर्वरक डाले अन्यथा आम सिफारिषों के आधार पर खादों की मात्रा देनी चाहिए। 24 कि.ग्रा. नाइट्रोजन तथा 16 कि.ग्रा. फास्फोरस प्रति एकड उन्नत किस्मों एवं 40 कि.ग्रा.नाइट्रोजन  तथा 20 कि.ग्रा. फास्फोरस प्रति एकड़ के लिए पर्याप्त है।

गुड़ाई अवश्य करें :

बुआई के छः सप्ताह बाद दो बार गुड़ाई अवश्य करें। खेत में पर्याप्त नमी बनाए रखें। अच्छी पैदावार के लिए सिंचाईयों की आवश्यकता होती है सूरजमुखी के लिए मेढ़ों के बीच पानी लगाकर सिंचाई करना उत्तम है। इससे खेत में प्र्याप्त नमी बनी रहती है तथा पानी भी कम लगता है।

मिट्टी चढ़ाना:-

सूरजमुखी की फसल को गिरने से रोकने के लिए मिट्टी चढ़ाना चाहिए जब फसल की ऊंचाई 60-70 सै.मी. हो व फूल आने से पहले करनी चाहिए।

सूरजमुखी की कटाई:-

जब सूरजमुखी फूल  मुड़कर पीला पड़ जाये तो फसल कटाई के लिए तैयार है। अब  काटने के बाद उसे धूप में  सुखा लेना चाहिए। कुछ दिन के अन्तराल करके 2-3 बार में काटना चाहिए ताकि दाने का बिखराव नहीं हो।

601284-01-02

No Data
Share on

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

You may use these HTML tags and attributes:

<a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>