हमारी धरती अनैक अजूबों का भंडार है। दक्षिण भारत के महाबलिपुरम में एक पत्थर को देखने दुनियाभर से लोग पंहुचते हैं। इस पत्थर की खास बात है कि ये एक ऐसी ढलान पर रखा हुआ है ।जहां किसी भी चीज का टिक पाना असंभव है पर यह सदियों से टिका हुआ है।
इसे इस नाम से भी जाना जाता है:
‘कृष्णा की बटर बॉल’ के नाम से प्रसिद्ध एक विशाल पत्थर जो दक्षिणी भारत में चेन्नई के एक कस्बे में महाबलीपुरम के किनारे स्तिथ है ।यह रहस्यमयी पत्थर एक ढलान वाली पहाड़ी पर, 45 डिग्री के कोण बना रहा है।
मान्यता के अनुसार :
यहाँ के लोगो का मानना है।की यह कृष्ण के प्रिय भोजन मक्खन का प्रतीक है जो स्वयं स्वर्ग से गिरा है ।यह पत्थर आकार में 20 फीट ऊँचा और 5 मीटर चौड़ा है ।जिसका वजन लगभग 250 टन है। अपने विशाल आकार के वाबजूद कृष्णा की यह बटर बॉल भौतिक विज्ञान के ग्रेविटी के नियमों की उपेक्षा करते हुए पहाड़ी की 4 फीट की सतह पर, अनेक शताब्दियों से एक जगह पर टिकी हुई है।
देखने वालों को आश्चर्य महसूस होता है:
देखने में ऐसा प्रतीत होता है।की यह पत्थर किसी भी क्षण गिर जाए इस पत्थर का अस्तित्व आज तक एक रहस्य बना हुआ है।
राज्यपाल आर्थर लाली ने की थी सरकाने की कोशिश:
1908 में चेन्नई के राज्यपाल आर्थर लाली ने इस पत्थर को सरकाने की कोशिश की लेकिन पत्थर जस का तस ही रहा। यही नहीं पत्थर सरकाने के लिए सात हाथियों का प्रयोग किया गया था। हाथियों की लगातार कोशिश के बाद भी पत्थर वहीं खड़ा रहा।बिलकुल भी नही सरका।