प्राचीन समस्य से ही शंख को देवताओं से जोडा जाता है, हिन्दू धर्म में शंख को बहुत ही शुभ माना गया है। इसका कारण यह है कि माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु दोनों ही अपने हाथों में शंख धारण करते हैं। इसलिए एक आम धारणा है कि, जिस घर में शंख होता है। उस घर में सुख-समृद्धि आती है। और ये शंख स्वस्थ काया के साथ माया देते हैं शंख दैवीय के साथ-साथ मायावी भी होते हैं। शंखों का हिन्दू धर्म में पवित्र स्थान है। घर या मंदिर में शंख कितने और कौन से रखें जाएं इसके बारे में शास्त्रों में स्पष्ट उल्लेख मिलता है।
कहा जाता है समुद्र मंथन के समय देव- दानव संघर्ष के दौरान समुद्र से 14 अनमोल रत्नों की प्राप्ति हुई। जिनमें आठवें रत्न के रूप में शंखों का जन्म हुआ।
शंख नाद का प्रतीक माना जाता है :
शंख ध्वनि शुभ मानी गई है। प्रत्येक शंख का गुण अलग अलग माना गया है। कोई शंख विजय दिलाता है, तो कोई धन और समृद्धि। किसी शंख में सुख और शांति देने की शक्ति है ।तो किसी में यश और कीर्ति। ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार शंख चंद्रमा और सूर्य के समान ही देवस्वरूप है। इसके मध्य में वरुण, पृष्ठ भाग में ब्रह्मा और अग्र भाग में गंगा और सरस्वती का निवास है।
शंख मनुष्य और देवो में है प्रसिद्ध :
क्या आप जानते है ?हाथों की अंगुलियों के प्रथम पोर पर भी शंखाकृति बनी होती है और अंगुलियों के नीचे भी। शंख के नाम से कई बातें प्रचलित है।
पूजा पाठ में भी है एक अलग स्थान :
पूजा-पाठ में भी शंख बजाने का नियम है। घर में शंख रखने और इसे नियमित तौर पर बजाने के ऐसे कई फायदे हैं, जो सीधे तौर पर हमारी सेहत से जुड़े होते हैं।
शंख के लाभ :
सकारात्मक विचार पैदा होते हैं :
कहा जाता है कि जहां तक शंख की आवाज जाती है, इसे सुनकर लोगों के मन में सकारात्मक विचार पैदा होते हैं और वे पूजा-अर्चना के लिए प्रेरित होते हैं।
जहा शंख वाश वहा लक्ष्मी का वास :
माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु, दोनों ही अपने हाथों में शंख को धारण करते हैं। इसलिए माना जाता है कि शंख को रख्रने से घर में स्थिर लक्ष्मी का निवास होता है।
सांस के रोगो में है लाभ दायक :
शंख बजाने से फेफडो का व्यायाम होता है और स्वास्थ्य पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है। खासतौर पर सांस के रोगी के लिए यह बेहद असरदार माना गया है।