इंसान के इलाज के अस्पताल के बारे में तो हर कोई जानता हैं लेकिन क्या आपने कभी जूतों के अस्पताल के बारे में सुना हैं । जिसने महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा जैसी शख्सियत को भी अपनी तारीफ करने पर मजबूर कर दिया हैं । सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस जख्मी जूतों के हस्पताल के बारे में अगर आप जानना चाहते हैं तो इस पोस्ट में पढ़ सकते हैं :-
क्या है पूरी घटना
अगर दिल में किसी काम को करने की लगन सच्ची हो तो किस्मत भी उसका साथ देती हैं, फिर चाहे काम कैसा भी हो बस हमें उस काम को करने का तरीका आना चाहिए और इस बात का उदाहरण हैं डॉ नरसीराम अब आप सोच रहे होंगे की डॉक्टर और जूतों के अस्पताल का क्या मेल, तो ज़रा जान लीजिये क्योकि अब मरीजों के लिए ही डॉक्टर की जरूरत नही होती बल्कि जूतों के लिए भी डॉक्टर साहब की जरूरत होती हैं। और वो है डॉ नरसीराम जी, ये डॉक्टर किसी अस्पताल में काम नही करते बल्कि एक साधरण से मोची हैं । जिसने अपनी दुकान को चलाने के लिए कुछ ऐसा टाइटल दे डाला कि लोग हैरत में आगए। और इतना ही नही इसने अस्पतालों की तरह इस पर दुकान खुलने और बंद होने का समय और जूतों की मरम्मत जर्मन तकनीक से की जाती हैं ये भी लिखा हैं । जिसकी वजह से ये आज सोशल मीडिया पर छाया हुआ हैं इसके अलावा ये शख्स बिज़नेस मैन आनंद महिंद्रा की तारीफ भी पा रहा हैं ।
This man should be teaching marketing at the Indian Institute of Management… pic.twitter.com/N70F0ZAnLP
— anand mahindra (@anandmahindra) 17 April 2018
दरअसल किसी ने व्हाट्स एप से ये तस्वीर आनंद महिंद्रा को भेजी थी जब इन्होंने ये तस्वीर देखी तो ट्विटर पर एक बहुत अच्छे कैप्शन के साथ इसे शेयर किया । आनंद महिंद्रा को लगता हैं कि ये इंसान भारतीय प्रबंधन संस्थान में छात्रों को मार्केटिंग बहुत अच्छे से पढ़ा सकता हैं और तो और आनंद महिंद्रा चाहते हैं अगर यह इंसान कहीं मिल जाये तो वे उसके काम में छोटा से निवेश करना चाहेंगे ।