कहा जाता है कि जो इस धरती पर आता है वह अपना भाग्य पहले से ही लिखवा कर लाता है। हम अपनी हथेलियों को पढ़कर अपना भाग्य ज्योतिष विद्या से भी जान सकते है। तो आइए जाने कहा और कैसी होती है भाग्य रेखा और उसका क्या महत्व होता है।
1.भाग्य रेखा हथेली में मणीबध से लेकर बीचकी ऊँगली की ओर सीधी जाती है जिसे हम भाग्य रेखा कहते हैं अथवा इसे शनी की रेखा भी कहा जा सकता है।
2.जिनकी हथेली में यह रेखा सीधी चलकर शनि पर्वत तक जाती है वह व्यक्ति बहुत ही भाग्यशाली होता है । ऐसा व्यक्ति बहुत ही अधिक साहसी होता है वह अपने लक्ष्य को पा कर रहता है ।
3.यदि भाग्य रेखा दो भागो में बंट जाए तो वह रेखा जिस भी पर्वत या क्षेत्र में जाएगी वहा उसे उस क्षेत्र का लाभ होगा ।
4.यदि भाग्य रेखा गुरू पर्वत की ओर जाए तो व्यक्ति दानी एवं दया धर्म करने वाला होता है। अगर उस रेखा पर किसी भी प्रकार की रेखा ना काटे तो व्यक्ति को उच्च पद और प्रतिष्ठा प्राप्त होती है ।
5.यदि शुक्र पर्वत से कोई रेखा निकलकर शनि पर्वत पर जाती है तो उस व्यक्ति को विवाह के बाद भाग्य का सहयोग मिलता है।
6.यदि भाग्य रेखा मस्तिष्क रेखा से निकलकर शनि पर्वत तक जाए तो यह बहुत अच्छा होता है। और शनि पर्वत पर जाकर रेखा दो भागों में बंट जाए तो यह और भी उत्तम फलदायी होता है।