कम्पुटर के अविष्कार में वैज्ञानिको को कंप्यूटर की कार्य क्षमता बढ़ाने का उत्साह दिया एनिसक पहला इलोक्ट्रोनिक कंप्यूटर था कंप्यूटर को पांच श्रेणियों में बाटा गया है प्रथम जनरेशन,दूसरी जनरेशन,तृतीये जनरेशन,चतुर्थ जनरेशन,पंचम जनरेशन
प्रथम जनरेशन में
इसका अविष्कार जे.पी इकर्ट और जे.डब्लू माऊली ने सन 1946 में अमेरिका में किया था इसका नाम एनिसक था इसका पूरा नाम इलोक्ट्रोनिक न्यूमेरिक्ल इंटीग्रेटर था यह एक कैल्कुलेटर था इसमें वैकुम टियूब का उपयोग किया गया था यह काफी भारी होते थे इन्हें रखने के लिए काफी बड़ा स्थान चाहिए होता था इस कम्पुटर में मशीन लेंग्वेज का प्रयोग किया जाता था इसमें काफी गर्मी निकलती थी जिससे यह जल्दी ख़राब भी हो जाते थे इसको उपयोग में लाना भी काफी कठिन होता था
दूसरा जनरेशन
दूसरा कंप्यूटर सन 1948 में जाँन वर्डीन वाल्व और विलियम बी ने मिलकर बनाया था इस जनरेशन में ट्रांजिस्टर नामक कम्पुटर का आविष्कार किया था इसने कंप्यूटर के क्षेत्र में अदभुत परिवर्तन कर दिया इसमें पहले की अपेक्षा काम थोडा आसान हो गया यह छोटे और हल्के हो गए तथा कीमत भी पहले के अपेक्षा कम हो गये और इसका उपयोग भी आसान हो गया
तृतीय जनरेशन
इस समय कंप्यूटर क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव आया इसका नाम इंट्रीग्रेटीड सर्किट था यह आकार में छोटे तथा बहुत तेजी से कार्य करने वाले थे यह वहुत ही तीव्र गति से कार्य करते थे इतना छोटा आकर हो गया की उसे मेज पर रखा जा सकता था इसकी वजह से स्पीड में भी सुधार आया इस जनरेशन में विभिन्न प्रकार की लेंगवेज का प्रयोग किया जाने लगा जैसे-कोबोल,पास्कल,और बेसिक
चतुर्थ जनरेशन
इस जनरेशन के कंप्यूटर में माइक्रो प्रोग्राम चिप का प्रयोग किया गया इसमें सम्पूर्ण कंप्यूटर का प्रमुख सर्किट बना होता है तथा गति तेज और मूल्य कम होता है
पंचम जनरेशन
इस समय कृतिम बुध्दी का विकास किया गया यह प्रोग्राम सक्रिय होकर कार्य सम्पन्न कर देते है जब उसमे सम्बन्धित कार्य किया जाता है तो आजकल बाजार में पंचम जनरेशन के कंप्यूटर ही उपलब्ध हैजिनके द्वारा सभी तरह के काम किये जा सकते है