आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष को “देवशयनी एकादशी” कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष को “देवशयनी एकादशी” में हर मनोकामना पूर्ति की जा सकती है।आपको बता दें देवशयनी एकादशी मे सारे शुभ कार्य बंद हो जाते हैं इस दौरान कोई शुभ कार्य नहीं किया जा सकता क्योंकि शास्त्रों के अनुसार इस दिन से भगवान विष्णु चार महीने के लिए पाताल लोक में विश्राम करने चले जाते हैं।
लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष को “देवशयनी एकादशी” पर ऐसा क्या किया जाये की हर मनोकामना पूरी हो सकती है तो चलिए नीचे पोस्ट में पढ़िये…
घर की साफ सफाई
देवशयनी एकादशी के दिन आपको सुबह उठकर सबसे पहले घर की साफ सफाई करनी है फिर पूरे घर में गंगाजल या हल्दी मिले जल का छिड़काव करना है।
शुद्ध घी का दीपक जलाएं
वदेशयनी एकादशी पर आपको शाम के समय तुलसी के सामने गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाना चाहिए और तुलसी माता को दोनों हाथों को जोड़ कर प्रणाम भी करना है।
108 बार जाप
देवशयनी एकादशी के दिन “ॐ नमो नारायणाय” या “ॐ नमो भगवते वसुदेवाय नम:” का 108 बार जाप करें।
निर्जला व्रत रखना चाहिए
वैसे तो देवशयनी एकादशी के दिन निर्जला व्रत रखना चाहिए। लेकिन आप निर्जला व्रत रखने में सक्षम नहीं हैं तो आप ऐसे में एक टाइम का फलाहार कर इस व्रत को रख सकते हैं।
लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए
अगर इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को केसर मिले जल से अभिषेक किया जाये तो प्रभु खुश होते हैं और धन-धान्य तथा लक्ष्मी से घर को भर देते हैं।
पीला रंग है भगवान को प्रिय
भगवान विष्णु को सबसे ज्यादा पीला रंग प्रिय होता है। इसलिए इस दिन भगवान विष्णु को पीली खीर, पीले फल या पीले रंग की मिठाई का भोग जरुर लगाएं। ऐसा करने से भगवान खुश होते है।