एलिफेंटा की गुफ़ाएँ महाराष्ट्र राज्य के मुंबई शहर में पौराणिक देवताओं की अत्यन्त भव्य मूर्तियों के लिए विख्यात है। इन मूर्तियों में शिव की त्रिमूर्ति की मूर्ति सर्वाधिक लोकप्रिय है। ये गुफ़ाएँ मुंबई से 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।एलिफेंटा की गुफ़ाएँ मुम्बई महानगर के पास स्थित पर्यटकों का एक बड़ा आकर्षण केन्द्र हैं। एलिफेंटा की गुफ़ाएँ 7 गुफ़ाओं का सम्मिश्रण हैं, जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण है महेश मूर्ति गुफ़ा। एलिफेन्टा के गुहा मन्दिर राष्ट्रकूटों के समय में बने। एलिफेन्टा की पहाड़ी में शैलोत्कीर्ण करके उमा महेश गुहा मन्दिर का निर्माण लगभग 8वीं शताब्दी में किया गया।
एलीफेंटा की गुफाएं अपनी अति सुंदर मूर्तियों के लिए अत्यधिक प्रसिद्ध हैं।6000 वर्ग फीट के क्षेत्रफल में फैली हुई इन गुफाओं में हिन्दू और बौद्ध धर्म की झलक दिखाई देती है।एलीफेंटा की गुफाएं गुफाओं का एक समूह है जो कि एलीफेंटा द्वीप पर स्थित है।यहाँ बहुत से सैलानी जाते है घुमने।
इसका इतिहास:
मौर्य वंश, चालुक्य, सिलहरास, यादव वंश, अहमदाबाद के मुस्लिम राजाओं, पुर्तगालियों, मराठा और अंत में ब्रिटिश शासन के अधीन रह चुका यह द्वीप अपने इतिहास को दर्शाता है।जिसके पहले समूह में पांच हिंदू गुफाएं हैं, जिनमें पत्थरों को काटकर भगवान शिव के विभिन्न रूपों को दर्शाया गया है।
मान्यता इस गुफा की:
एलीफेंटा के बारे में लोगों का मानना है कि महाभारत काल में पांडवों ने निवास करने के लिए इस गुफा का निर्माण किया था। पुर्तगालियों को इन गुफाओं में हाथियों की बड़ी-बड़ी मूर्तियां मिली थी जिसके बाद उन्होंने इस स्थान का नाम “एलीफेंटा” रख दिया।
एलीफेंटा जाए ऐसे:
- मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया से बोट द्वारा एलीफेंटा की गुफाओं तक पहुंचा जा सकता है। यहां टैक्सी सेवा आसानी से मिल जाती है।
- एलीफेंटा की गुफाओं तक फैरी द्वारा पहुंचने के लिए शुल्क लगता है
- सोमवार के दिन यहां प्रवेश बंद रहता है
- एलीफेंटा की गुफाओं में घूमने का समय सुबह 9 बजे से लेकर शाम पांच बजे तक होता है