1. गर्भपात से जुड़ा अधिकार
भारतीय दण्ड संहिता धारा-312 के मुताबिक अगर महिला की बिना इच्छा के गर्भपात कराया गया हो तो ऐसे मामले में दोषियों के खिलाफ भारतीय कानून में सख्त प्रावधान है। अगर महिला बालिग है तो गर्भपात के लिए उसकी सहमति जरूरी है। इस एक्ट के अनुसार
- गर्भ में पल रहा बच्चा किसी विकलांगता का शिकार हो या होने की आशंका हो तो अबॉर्शन करा सकते है।
- गर्भ में पल रहे बच्चे के कारण महिला के स्वास्थ्य को कोई खतरा हो तो गर्भपात करा सकती है।
- यदि किसी महिला के साथ रेप की घटना हुई हो और वह गर्भवती हो गई हो तो उस अवस्था में गर्भपात कराया जा सकता है।
- परिवार के किसी ऐसे रिश्तेदार ने महिला के साथ संबंध बनाए हों जो समाज के नजरिये से वर्जित संबंध हों और इस कारण महिला प्रेग्नेंट हो गई हो तो भी उसका गर्भपात कराया जा सकता है। ऐसी स्थिति उसका गर्भपात वैध माना जायेगा ।
इन स्थिति के अलावा कोई व्यक्ति महिला की सहमति के बिना गर्भपात के लिए दबाव नही डाल सकता है। यदि कोई ऐसा करता है तो महिला कानूनी दावा कर सकती है।