2. सेक्शुअल हैरेसमेंट
महिलाओ के प्रति बढ़ते अपराधो को देख कर भारतीय दंड संहिता में कुछ कानून बनाए गए है जिसमे छेड़छाड़ या फिर रेप जैसे वारदातों के लिए सख्त कानून बन गए हैं। जैसे आईपीसी की धारा-375 .
आईपीसी की धारा-375
आईपीसी की धारा-375 के तहत यदि कोई पुरुष किसी भी महिला के साथ उसकी इच्छा के विरुद्ध या जबरन शारीरिक सम्बन्ध बनता है, तो यह बलात्कार या रेप कहलाएगा । इस धारा के तहत ओरल सेक्स भी रेप माना गया है। अगर कोई पुरुष किसी महिला के प्राइवेट पार्ट में अपने शरीर का अंग या फिर अन्य कोई चीज डालता है, तो वह भी रेप होगा और उस महिला को पूरा हक़ है की वह इसकी शिकायत दर्ज कर सके ।
बलात्कार तब माना जाता है यदि कोई पुरुष किसी स्त्री के साथ निम्नलिखित परिस्थितियों में से किसी भी परिस्थिति में शारीरिक सम्बन्ध बनाता है या बनाने की कोशिश करता है –
- महिला की इच्छा के विरुद्ध या सहमति के बिना
- डरा धमका कर महिला की सहमति ली गई हो
- नकली पति बनकर महिला की सहमति ली गई हो जबकि वह महिला का पति नहीं है
- महिला पागल या मानसिक रूप से कमजोर या अस्वस्थ हो
- महिला को नशीला पदार्थ खिलाकर या जब वह शराब या अन्य नशीले पदार्थ के कारण होश में न हो
- महिला 16 वर्ष से कम उम्र की है, चाहे उसकी सहमति से हो या असहमति से
- किसी भी कारण से शारीरिक सम्बन्ध की क्रिया पूरी हुई हो या नहीं वह बलात्कार या रेप ही माना जाएगा ।