कंप्यूटर टेबलेट और स्मार्ट फोन के इलोक्ट्रोनिक स्क्रीन की लाइट वैसे ही नुकसान दायक है|
जैसे सूरज की पराबैगनी किरण इस डीवाइसेस की इलोक्ट्रोनिक किरने रेटिना और कोर्निया पर असर डालती है|आज के युग में हम अपनी आँखों के साथ बर्बर व्यवहार कर रहे है|सोचो दृष्टि दोष हो गया तो क्या होगा?
तो आँखों को लेकर तत्काल गंभीर हो जाइएऔर ध्यान रखिए
- कंप्यूटर –और मोबाइल से आँखों की दुरी कम होने से आँखों की मूवमेंट कम होती है|आँखे एक ही पॉइंट पर लम्बे समय तक टिकी रहती है|इसके करण डाई –आई –सिंड्रोम की शिकायत बड जाती है|
- लेटकर-पढना या कम रोशनी में काम करना साधारण लापरवाही नही है|इससे आँखों की पुतलिया फ़ैल जाती है|आँखों का नेचुरल फॉक्स गडबडा जाता है|
कंप्यूटर स्क्रीन- पर लगातार ज्यादा देर तक काम करने वाले आँखों पर खुजली महसूस होती है|हमारी आँखे सामान्य रूप से बार -बार झपकती है| - कंप्यूटर पर काम करने वाले एक मिनट में केवल ४ या ५ बार ही झपकते है|आखो के कम झपकाने से आँखों में खुजली तथा पानी बहने लगता है|
- टी,बी –स्क्रीन से निकलने वाली किरण आँखों को नुकसान पहुचाती है|
- धूम्रपान –करने का असर भी आँखों पर पड़ता है|ज्यादा सिग्रेट पिने से आँखों में लाल धब्बे हो जाते है|