तिब्बतियों का अंतिम संस्कार
तिब्बत के लोग बौद्ध धर्म को मानते हैं जिसका अनुसार मृत शरीर को पहले तो शमशान ले जाया जाता हैं। जहाँ बोद्ध भिक्षु शव की धुप बत्ती जलाकर पूजा करते हैं फिर उसे रोग्यापस (शमशान के कर्मचारी )को सौंप देते हैं, जो की शव को छोटे छोटे टुकड़े में काट देता हैं फिर उन टुकड़ों को जौं के आटे में मिलकर गिद्धों को खिला देता हैं । गिद्ध के खाने के बाद जो हड्डियाँ बचती हैं उन्हें एकत्रित कर के उनका चूरा बना लेता हैं, जिन्हें फिर से जौं के आटे और याक के मक्खन में मिलकर कौंओ और बाजों को खिला दिया जाता हैं । इस पूरी विधि को “ स्काई बुरिअल ” नाम से जाना जाता हैं ।
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