इंडोनेशिया के तोरज़ा समुदाय
इस समुदाय के लोग अपने परिजन के मरने के बाद भी उसे अपने घर में ही रखते हैं और उसका बीमार इंसान के जैसा ख्याल रखते हैं । इनका मानना हैं की अंतिम संस्कार के समय पूरा कुनवा साथ होना चाहिए । क्योंकि मरने के बाद इनके यहाँ बहुत बड़ा भोज रखा जाता हैं । ये संस्कार कई दिनों तक चलता हैं और इतना ही नही इस संस्कार में भैसें की बलि दी जाती हैं । ये लोग शव को दफ़नाने की जगह उसे ताबूत में रखकर उसे प्राचीन गुफाओं में रख देते हैं और उसमें उनके जरूरत की हर चीज़ रख देते हैं । इतना ही नही अपनों का ख्याल रखने की वजह से वो हर तीन साल बाद उस शव की दोबारा से सफाई करते हैं जिसे मानेन कहा जाता हैं । यह एक तरीका से शव का दूसरा अंतिम संस्कार होता हैं ।