मन
रहिमन मनही लगाई के,
देखि लेहु किन कोय|
नर को बस करिबो कहा,
नारायण बस होय||
मन को स्थिर करके
कोई क्यों नहीं देख लेता,
इस परम सत्य को की,
मनुष्य को वश में कर लेना
तो बात ही क्या,
नारायण भी वश में हो जाते है|
मन
रहिमन मनही लगाई के,
देखि लेहु किन कोय|
नर को बस करिबो कहा,
नारायण बस होय||
मन को स्थिर करके
कोई क्यों नहीं देख लेता,
इस परम सत्य को की,
मनुष्य को वश में कर लेना
तो बात ही क्या,
नारायण भी वश में हो जाते है|