यह तो हम सभी ही जानते है कि हिंदु धर्म में हर दिन का संबंध किसी ना किसी देवी-देवताओं से जुड़ा होता है। इसलिए हर दिन के हिसाब से देवी-देवता की पूजा कि जाती है। जैसे दिन के हिसाब से भगवानो की पूजा की जाती है उसी प्रकार हर भगवान को अलग-अलग प्रसाद भी चढ़ता है। भारतीय संस्कृति में किसी भी कार्य को करने से पहले उस कार्य को कब और कैसे करना है इसके लिए मुहूर्त पर भी विशेष ध्यान दिया जाता हैं। मुहूर्त देखते समय काल ,तिथि, वार, नक्षत्र, योग एवं करण आदि को महत्व दिया जाता है। इसी तरह तुलसी सिर्फ एक पौधा नही देवी का रूप है जिन्हें तुलसी माँ कहा जाता है इन्ही से जुड़ी पुराणों में एक मान्यता है कि रविवार को तुलसी नहीं तोड़नी चाहिए। आइए जानते हैं इसके पीछे कारण क्या है…
मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि भगवान गणेश के वरदान के कारण तुलसी श्री कृष्ण और भगवान विष्णु की प्रिय बनी और साथ ही मोक्ष दायनी भी बनी।वहीं एक मान्यता यह भी है कि गणेश जी के श्राप के कारण ही तुलसी कभी उनकी पूजा में नहीं चढ़ाई जाती है।
इसी तरह एक मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि रविवार का दिन भगवान विष्णु को अधिक प्रिय होता है और तुलसी भी भगवान विष्णु की अधिक प्रिय है। इसलिए इस दिन तुलसी तोड़ना अशुभ माना जाता है।रविवार को तुलसी तोड़ने से भगवान विष्णु क्रोधित हो जाते है।