बरसात का मौसम अपने साथ कई बीमारियां लाता है। बारिश की वजह से घरो के आस- पास पानी इकट्ठा हो जाता है और उसमें मच्छर व कीड़े- मकोड़े पनपने लगते है। इनसे कई बीमारियां होती हैं जैसे की डेंगू, मलेरिया, चिकुनगुनिया, हैजा, डायरिया, पीलिया आदि। बरसात के मौसम के आते ही मच्छरों से होने वाले रोग बढ़ने लगते है। आइये जानते है इन्हीं रोगों के बारे में। जैसे डेंगू तथा मलेरिया।
डेंगू
डेंगू मच्छर बरसात के मौसम में पनपने वाला मच्छर है। इसका वायरस DENV-1, DENV-2, DENV-3, DENV-4 वायरस होता है। इसके काटे जाने पर तेज बुखार आता है। इसे हड्डी तोड़ बुखार भी कंहा जाता है। डेंगू दिन में काटने वाले मादा मच्छर एडीज एजिप्टी (Aedes Aegypti) से फैलता है।
कारण
- डेंगू साफ़ पानी में पनपता है ।
- पानी की टंकियो ,जानवरों के पीने की होद , कूलर में इकट्ठा पानी में ,ट्यूब तथा टायरो में इकट्ठा पानी में ।
- गमलो में और फटे मटके में पनपता है
डेंगू के लक्षण
- सिर ,कमर और जोड़ो में दर्द ,थकावट , कमजोरी तथा हल्की खाँसी रहती है।
- गले में खराश ,उलटी और शरीर पर लाल दाने होते है।
- नांक, दांत और मसूडो से खून आता है।
- खून की उलटी और मल से खून आना ।
- बच्चो और बुजुर्गो के लिए ज्यादा खतरनाक होता है ।
- तेज बुखार के साथ ठण्ड लगती है ।
- शरीर पर लाल दाने हो जाते है।
- यह बुखार 1-5 दिन तक रहता है।
- यह बुखार मरीज की जान भी ले लेता है।
- शरीर की प्लेटलेट्स को कम कर देता है।
सावधानियां
- जगह -जगह पर पानी न भरने दें या जंहा पानी भरे वंहा पर मिटटी का तेल या पेट्रोल की कुछ बुँदे रोजाना डाले ।
- विटामिन की अधिकता वाली चींजे खाए , जैंसे -आंवला , संतरा ।
- पानी की टंकियो , कूलर ,ट्यूब तथा टायरो में पानी इकट्ठा न होने दे ।
- कूलर का पानी प्रतिदिन बदले ।
- पानी की टंकियो को सही से बंद करे ।
- खाने में ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करे ,दो से तीन चुटकी हल्दी पानी के साथ ले ।
- हल्दी को सुबह आधा चम्मच पानी के साथ या रात को दूध के साथ सेवन करे ।
- तुलसी के पत्तो को शहद के साथ पानी में उबाल कर पीये ।
- यदि ज्यादा नजला ,जुकाम हो तो रात को दूध न पीये ।
- नाक के अन्दर सरसों का तेल लगाये। तेल की चिकनाहट के कारण बाहर से आने वाले बैक्टीरिया को नाक के अन्दर जाने से रोकती है
- यदि बार -बार उल्टी हो रही है तो सेब के रस में नींबू मिलाकर ले ।
- स्थिति ख़राब हो तो गेंहू के जवारे के रस निकालकर दिन में 2-3 बार ले
- गिलोय के बेल की डंडी का काढ़ा बनाकर दे ।
- खराब राहू तथा शनि वाले व्यक्ति को मच्छर से काटे जाने की समस्या होती है ।
मलेरिया
मलेरिया बीमारी मादा एनोफ़ेलीज़ मच्छर के काटे जाने से होता है । यह मच्छर भी बरसात के मौसम में ही पनपता है मलेरिया रोग परजीवी प्लाजमोडियम से फैलने वाला रोग है ।
लक्षण
- शरीर में खून की कमी होना ।
- शुरुआत में ध्यान न देंने पर इस रोग का प्रभाव लीवर पर भी पढ सकता है ।
- सिर,दर्द और जी मिचलाना
- कंपकपी के साथ बुखार आना
- शरीर का तापमान 101-105 डिग्री तक पहुँच जाता है ।
- संक्रमित मच्छरके काटने से 10-12दिन बाद लक्षण दिखाई देते है ।
- उल्टी होना , पसीने आने पर बुखार का कम होने पर शरीर में कमजोरी होना ।
- यह रोग मस्तिष्क को गंभीर नुकसान पंहुचता है ।
- बच्चो में दिमागी बुखार होने पर दिमाग में खून की आपूर्ति कम हो जाती है
उपाय
- प्याज के रस में काली मिर्च मिलाकर सुबह शाम पिलाये ।
- तुलसी के 15 पत्ते , 10 काली मिर्च और 2 चम्मच चीनी का काढ़ा बनाकर दे । एक कप पानी में दिन में 3 बार दे ।
- 5 चम्मच सेंधा नमक को भूरा होने तक भूने ,1 चम्मच नमक को 1 गिलास गर्म पानी में मिला कर दे बुखार आने पर पीये ।
- लहसुन की 3-4 कलिया घी में मिलाकर खाये।
- नीम या सत्व पर्वा पेड़ की छाल का काढ़ा बनाकर दे । 10 ग्राम नीम की छाल को आधा गिलास पानी में तब तक उबाले जब तक आधा न रह जाए। छान कर गुनगुना ही पीये।
सावधानियाँ
- टंकी ,कूलर ,मटके को खाली करके सुखाये ।
- बरसात के दिनों में कंही भी पानी इकट्ठा न होने दे।
- हफ्ते में एक बार पानी की टंकी, मटके तथा कूलर की सफाई जरुर करे ।
- पानी ज्यादातर उबाल कर पीये ,पत्तियों वाली सब्जियां न खाए