दशहरा हिन्दुओ द्वारा मनाया जाने वाला प्रमुख त्यौहार है
यह पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है, जिसेमें माँ दुर्गा और भगवान श्रीराम की मुख्य भूमिका है। माना जाता है कि माँ दुर्गा ने महिषासूर से लगातार नौ दिनो तक युद्ध करके दशहरे के दिन ही महिषासुर का वध किया था।
इसीलिए दुर्गा के 9 शक्ति रूप के विजय-दिवस के रूप में विजया-दशमी मनाया जाता है। और भगवान श्रीराम ने भी नौ दिनो तक रावण के साथ युद्ध करके दसवें दिन ही रावण का वध किया था, इसलिए इस दिन को भगवान श्रीराम के भी विजय के रूप में मनाते हैं। दशहरा यानी दस सिर वाले रावन का वध राम ने किया था इसलिए इसे दशहरा कहा गया
मान्यता अनुसार पुराने समय में राजा-महाराजा जब किसी दूसरे राज्य पर आक्रमण कर उस पर कब्जा करना चाहते थे, तो वे आक्रमण के लिए इसी दिन का चुनाव करते थे,क्योंकि हिन्दु धर्म में इस दिन जो भी काम किया जाता है, उसमें विजय यानी सफलता प्राप्त होती है किसी भी चीज की शुरूआत करने के लिए इस दिन को उतना ही महत्व देते हैं जितना दिपावली या उससे पहले धनतेरस को देते हैं।
भारत में दशहरे को लेकर विभिन्न प्रकार की मान्यता है तथा इसे मनाने के तरीके भी अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तरह के हैं।
नवरात्रों में गरबा
गुजरात का गरबा नृत्य ही गुजरात के नवरात्रि व दशहरे पर्व की शान है। पूरे भारतवर्ष में गुजरात का गरबा डांस बहुत मसहूर है नवरात्रों में बस इसी की धूम मची होती है ।
हिमाचल प्रदेश में दशहरा
इस दिन हिमाचल के लोग सज-धज के ढोल नगाडा लेकर पुरे जोश के साथ भगवान राम की पालकी निकालते हैं तथा अपने मुख्य देवता भगवान रघुनाथ जी अर्थात राम जी की पूजा करते हैं।
पंजाब का दशहरा
पंजाब में दशहरा, नवरात्रि के नौ दिन लगातार उपवास रखकर विजय-दशमी को अपना उपवास खोलते हुए मनाते हैं। माँ दुर्गा की पूजा अर्चना खूब की जाती है
बंगाल में दुर्गा पूजा
बंगाल में यह पर्व दुर्गा पूजा के रूप में ही मनाया जाता है जो कि बंगालियों का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है। इस त्योहार को पूरे बंगाल में पांच दिनों तक मनाया जाता है दुर्गा पूजा के लिए मां दुर्गा की मुर्तियों को भव्य पंडालों में विराजमान करते हैं। तथा सप्तमी, अष्टमी एवं नवमी के दिन प्रातः और सायंकाल भव्य दुर्गा पूजा का आयोजन होता है। विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है
इसी तरह अलग –अलग राज्यों में अलग अलग तरीके से दशहरे का पावन त्यौहार उत्सुकता से मनाया जाता है