”बरसात होने का दुःख वो क्या जाने जिसके पक्के मकान हो ”
”उनके लिए तो बरसात मतलब चाय पकोड़े का आनन्द लेना है ”
”बरसात का दुःख तो वही जाने जिसका मकान टुटा झोपड़ा हो”
”सोने का बिस्तर गिला हो सर झुपाने की जगह न हो”
” भीगा थराता कापता बदन हो ”
” और बरसात के पानी में सब भीग चूका हो ”
”आँखों का पानी भी बरसात के पानी में छुप गया हो ”