गरुड़ पुराण में पत्नी के कुछ गुणों के बारे में बताया गया है। इसके अनुसार जिस व्यक्ति की पत्नी में ये गुण हों, उसे खुदको भाग्यशाली समझना चाहिए। पत्नी का अर्थ है जो प्रियवादिनी है, जिसके पति ही प्राण हो वास्तव में वही पत्नी है।तो चलिए ये कुछ गुण क्या है आपकी पत्नी में नीचे देखिए।
घर संभालने वाली
घर के सभी काम जैसे- भोजन बनाना, साफ-सफाई करना, घर को सजाना, कपड़े-बर्तन आदि साफ करना, बच्चों की जिम्मेदारी ठीक से निभाना, घर आए अतिथियों का मान-सम्मान करना, कम संसाधनों में ही गृहस्थी चलाना आदि ये गुण जिस पत्नी में होते हैं, वह अपने पति की प्रिय होती है।
समझदारी से बोलने वाली
पत्नी को अपने पति से सदैव प्रेमपूर्वक बोलना चाहिए । पति के अलावा पत्नी को घर के अन्य सदस्यों तथा पति के मित्रो से भी प्रेमपूर्वक ही बात करनी चाहिए।
बात मानने वाली
जो पत्नी अपने पति को ही सबकुछ मानती है तथा सदैव उसी के आदेश का पालन करती है, उसे ही धर्म ग्रंथों में पतिव्रता कहा गया है।यदि पति को कोई दुख की बात बतानी हो तो भी वह पूर्ण संयमित होकर कहती है। हर प्रकार के पति को प्रसन्न रखने का प्रयास करती है। पति के अलावा वह कभी भी किसी अन्य पुरुष के बारे में नहीं सोचती।
धर्म का पालन करने वाली
गरुड़ पुराण के अनुसार, जो पत्नी निरंतर अपने धर्म का पालन करती है।पति के इज्जत को अपनी इज्जत समझती है ।उसका मान रखती है उसके दुखो को अपना मान कर चलती है ।तथा अपने पति को सदेव प्रेम करती है। उसे ही सच्चे अर्थों में पत्नी मानना चाहिए जिसकी पत्नी में यह सभी गुण हों, उसे स्वयं को भाग्यशाली समझ लेना चाहिए ।जो स्त्री पति को सुखो का साधन मात्र समझकर उसका उपयोग करती है वह पत्नी नही मानी जाती।