यदि आप एक स्वस्थ सुंदर शरीर पाना चाहते है तो हमारे द्वारा बताए गए इन बातो पर अमल जरुर करे क्योकि यही वो मूल आधार है स्वस्थ और सुंदर शरीर पाने का इसी के द्वारा आप लम्बे समय तक चुस्त और दुरस्त रह सकते है ।
तो करना है आपको इन बातो पर अमल:
- प्रतिदिन प्रातः सूर्योदय पूर्व उठकर घूमने जाएँ। सूर्य आराधना से दिन का आरंभ करें। इससे एक शक्ति जागृत होगी जो दिल-दिमाग को ताजगी देगी।
- शरीर को हमेशा सीधा रखें यानी बैठें तो तनकर, चलें तो तनकर, खड़े रहें तो तनकर अर्थात शरीर को हमेशा चुस्त रखें।
- भोजन से ही स्वास्थ्य बनाने का प्रयास करें। इसका सबसे सही तरीका है, भोजन हमेशा खूब चबा-चबाकर आनंदपूर्वक करें ताकि पाचनक्रिया ठीक रहे, इससे कोई भी समस्या उत्पन्न ही नहीं होगी।
- मोटापा आने का मुख्य कारण तैलीय व मीठे पदार्थ होते हैं। इससे चर्बी बढ़ती है, शरीर में आलस्य एवं सुस्ती आती है। इन पदार्थों का सेवन सीमित मात्रा में ही करें।
- भारी भोजन या हजम न होने वाले भोजन का त्याग करें। यदि ऐसा करना भी पड़े तो एक समय उपवास कर उसका संतुलन बनाएँ।
- वाहन के प्रति मोह कम कर उसका प्रयोग कम करने की आदत डालें। जहाँ तक हो कम दूरी के लिए पैदल जाएँ। इससे मांसपेशियों का व्यायाम होगा, जिससे आप निरोगी रहकर आकर्षक बने रहेगे|
- भोजन में अधिक से अधिक मात्रा में फल-सब्जियों का प्रयोग करें। उनसे आवश्यक तैलीय तत्व प्राप्त करें, शरीर के लिए आवश्यक तेल की पूर्ति प्राकृतिक रूप के पदार्थों से ही प्राप्त करें।
- सुबह एवं रात में मंजन अवश्य करें। साथ ही सोने से पूर्व स्नान कर कपड़े बदलकर पहनें। आप ताजगी महसूस करेंगे।
- शरीर का प्रत्येक अंग-प्रत्यंग रोम छिद्रों के माध्यम से श्वसन करता है। इसीलिए शयन के समय कपड़े महीन, स्वच्छ एवं कम से कम पहनें। सूती वस्त्र अतिउत्तम होते हैं।
- बालों को हमेशा सँवार कर रखें। अपने बालों में तेल का नियमित उपयोग करें। बाल छोटे, साफ रखें, अनावश्यक बालों को साफ करते रहें।
- नियमित रूप से अपने आराध्य देव के दर्शन हेतु समय अवश्य निकालें। आप चाहे किसी भी धर्म के अनुयायी हों, अपनी धर्म पद्धति के अनुसार ईश्वर की प्रार्थना अवश्य करें।
- क्रोध के कारण शरीर, मन तथा विचारों की सुंदरता समाप्त हो जाती है। क्रोध के क्षणों में संयम रखकर अपनी शारीरिक ऊर्जा की हानि से बचें।