आज हम आपको ऐसे श्रापो के बारे में बताने जा रहे जिनका इतिहास में तो महत्व था ही परन्तु इनका प्रभाव वर्तमान में भी चल रहा है।
उर्वशी द्वारा अर्जुन को श्राप:
महाभारत काल में एक बार अर्जुन दिव्यास्त्र पाने के लिए स्वर्ग लोक गए ।तो वहां उर्वशी अप्सरा उन पर आकर्षित हो गई जब उर्वशी ने यह बात अर्जुन को बताई तो उन्होंने कहा की मई आपको माता की तरह मानता हूँ।
- कथा अनुसार
यह सुनते ही इस बात पर उर्वशी क्रोधित हो गई ।तथा उन्होंने अर्जुन से कहा की आखिर तुम क्यों नपुंसक की तरह बात क़र रहे हो, में तुम्हे श्राप देती हूँ की तुम नपुंसक हो जाओ।तथा स्त्रियों के बीच तुम्हे एक नाचने वाली बन क़र रहना पड़े। जब यह बात अर्जुन ने इंद्र को बताई तो इंद्र ने अर्जुन को कहा की तुम्हे घबराने की जरूरत नहीं है। यही श्राप तुम्हारे वनवास के समय वरदान के रूप में काम करेगा और अज्ञातवास के समय तुम नाचने वाली के वेश में कौरवों के नजरो से बचे रहोगे।