इन श्रापो का आज भी बना हुआ है अस्तित्व

श्रृंगी ऋषि का परीक्षित को श्राप:

जब पांडव स्वर्गलोक की तरफ जाने लगे तो उन्होंने अपना सारा राज्य अभिमन्यु के पुत्र परीक्षित के हाथो में दे  दिया था।

  • कथा अनुसार

राजा परीक्षित वन में आखेट खेलने को गए एक दिन तभी उन्हें वहां शमीक नाम के ऋषि दिखाई दिए वह  अपनी तपस्या में लीन थे तथा उन्होंने मौन व्रत धारण क़र रखा था तभी परीक्षित राजा ने उनसे कई बार बोलने का प्रयास  किया पर वह बोले नही तो क्रोध में आकर उन्होंने ऋषि के गले में एक मरा हुआ सांप डाल दिया जब यह बात ऋषि शमीक के पुत्र श्रृंगी को पता चली तो उन्होंने राजा परीक्षित को श्राप दिया की आज से सात दिन बाद राजा परीक्षित की मृत्यु तक्षक नाग के डसने से हो जायेगी।

parikshit

पर कहा जाता है की राजा परीक्षित के जीवित रहते कलयुग में इतना साहस नहीं था की वह हावी हो सके परन्तु उनके मृत्यु के पश्चात ही कलयुग पूरी पृथ्वी पर हावी हो गया।

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