श्रीकृष्ण का अश्वत्थामा को श्राप:
महाभारत युद्ध के अंत समय में अश्वत्थामा ने धोखे से पाण्डव पुत्रों का वध कर दिया, तब पाण्डव भगवान श्रीकृष्ण के साथ मिलकर युद्ध करने गए।
- कथा अनुसार
अश्वत्थामा ने पाण्डवों पर ब्रह्मास्त्र का वार किया ये देख अर्जुन ने भी अपना ब्रह्मास्त्र छोड़ा महर्षि व्यास ने दोनों अस्त्रों को टकराने से रोक लिया और अश्वत्थामा और अर्जुन से अपने-अपने ब्रह्मास्त्र वापस लेने को कहा तब अर्जुन ने अपना ब्रह्मास्त्र वापस ले लिया, लेकिन अश्वत्थामा ये विद्या नहीं जानता था इसलिए उसने अपने अस्त्र की दिशा बदलकर अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा के गर्भ की ओर कर दी यह देख भगवान श्रीकृष्ण ने अश्वत्थामा को श्राप दिया कि तुम तीन हजार वर्ष तक इस पृथ्वी पर भटकते रहोगे और किसी भी जगह, किसी पुरुष के साथ तुम्हारी बातचीत नहीं हो सकेगी तुम्हारे शरीर से पीब और लहू की गंध निकलेगी इसलिए तुम मनुष्यों के बीच नहीं रह सकोगे वन में ही पड़े रहोगे