भोजपुर मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में वेत्रवती नदी के किनारे बसा है।गाँव से लगी हुई पहाड़ी पर एक विशाल शिव मंदिर है। इस नगर के इस शिवलिंग की स्थापना धार के प्रसिद्ध परमार राजा भोज ने किया था इसे भोजपुर मंदिर या भोजेश्वर मंदिर भी कहा जाता है।
इस मन्दिर की विशेषता:
- कहा जाता है शिवलिंग की स्थापना धार के प्रसिद्ध परमार राजा भोज ने किया था। अतः इसे भोजपुर मंदिर या भोजेश्वर मंदिर भी कहा जाता है।
- यह मंदिर पूर्ण रुप से तैयार नहीं हो पाया। इसका चबूतरा बहुत ऊँचा है, जिसके गर्भगृह में एक बड़े पत्थर को तराश कर पॉलिश किया गया लिंग है, जिसकी ऊँचाई 3.85 मी. है।
- इसे भारत में सबसे बड़े लिंगों में से एक माना जाता है। चबूतरे पर ही मंदिर के अन्य हिस्सों, मंडप, महामंडप तथा अंतराल बनाने की योजना थी।
- यहाँ मंदिर के आस-पास के पत्थरों पर बने मंदिर से सम्बन्धित योजना को नक्शों से स्पष्ट पता चलता है। इस मंदिर में भारतीय वास्तुकला के बारे में बहुत- सी बातो को बताया गया है।
अन्य धारणाएं इस मंदिर के बारे में:
यहाँ के कुछ बुजुर्गों का कहना है कि इस मंदिर का निर्माण द्वापर युग में पांडवों द्वारा माता कुंती की पूजा के लिए इस शिवलिंग का निर्माण एक ही रात में किया गया था।जैसे ही सुबह हुई तो पांडव लुप्त हो गए और मन्दिर अधुरा ही रह गया।
लगता है मेला:
यहाँ पर साल में दो बार वार्षिक मेले का आयोजन किया जाता है। जो मंकर संक्रांति व महाशिवरात्रि पर्व होता है।