यह दुनिया का सबसे पुराना मंदिर है जहां आज भी पूजा होती है। इस मंदिर में शिव और माँ दुर्गा देवी की मूर्तियां हैं। पर आज यह मंदिर टूटा हुआ है। यहाँ कई मूर्तियां भी खंडित हैं।तो चलिए जाने और क्या विशेषता है इस मंदिर की ।
इस मंदिर को बनाया गया था:
इसे 635-636 ईस्वी में बनाया गया था। ये कैमूर की पहाड़ी पर 650 फीट ऊंचाई पर है। मंदिर का पुराना शिखर नष्ट हो चुका था तो उसकी जगह नई छत बनाई गई है।
यहाँ से भी आते थे श्रद्धालु:
कहा जाता है श्रीलंका से भी श्रद्धालु आते थे। इस बात का पता यहाँ के सिक्कों और यहां पहाड़ी के पत्थरों पर तमिल और सिंहली भाषा में अक्षर लिखे हुए हैं उन्हें देख कर लगा था ।
इस मंदिर के पीछे जुडी है चंड-मुंड के वध की कहानी:
लोगों की मान्यता है कि चंड-मुंड नाम के असुरों का नाश करने के लिए, जब देवी प्रकट हुई तो चंड के मारे जाने के बाद युद्ध करते-करते मुंड इसी पहाड़ी में आकर छिप गया था। यहीं पर देवी ने उसका वध किया था। इसी वजह से इसे मुंडेश्वरी माता का मंदिर कहा जाता है।