बुखार तेज होने पर रोगी को ठंडी खुली हवा में आराम करवाना चाहिए।
104 डिग्री से अधिक बुखार होने पर बर्फ की पट्टी सिर पर रखना चाहिए।
रोगी को तुरंत प्याज का रस शहद में मिलाकर देना चाहिए।
प्यास बुझाने के लिए नींबू के रस में मिट्टी के घड़े अथवा सुराही के पानी का सेवन करवाना चाहिए। बर्फ का पानी नहीं पिलाना चाहिए क्योंकि इससे लाभ के बजाए हानि हो सकती है।
चाय-कॉफी आदि गर्म पेय का सेवन अत्यंत कम कर देना चाहिए।
कच्चे आम को गरम राख पर मंद आँच वाले अंगारे में भुनकर, ठंडा होने पर उसका गूदा निकालकर उसमें पानी मिलाकर मसलना चाहिए। इसमें जीरा, धनिया, शकर, नमक, कालीमिर्च डालकर पना बनाना चाहिए। पने को लू के रोगी को थोड़ी-थोड़ी देर में दिया जाना चाहिए।