भारत पहले से ही राजा-महाराजाओं का देश रहा है । आज भी देश के कई हिस्सों में राज घराने मौजूद है। इन राजा-महाराजाओं के जमाने में आम आदमी के लिए सवारी की बड़ी समस्या हुआ करती थी, उस समय राजघराने सवारी के लिए घोड़ो का इस्तेमाल करते थे। जैसे-जैसे ट्रेंड बदला, वैसे ही आदते और तौर तरीके भी बदलते चले गए।
तब मोटर- गाड़ियां सड़कों पर बहुत कम थीं तो लोग अक्सर घोड़ा-गाड़ी से सफर किया करते थे क्योंकि घोड़े को जानवरों में सबसे उत्तम सवारी कहा गया है । जब देश में गाड़ियों का प्रचलन बढ़ा तो सवारी की समस्या भी कम होती चली गयी । जो राजघराने घोड़ो का इस्तेमाल करते थे, वो भी अब गाड़ियों से चलने लगे थे । लेकिन घोड़ो के प्रति लगाव कम नही हुआ आज भी बेहतर नस्ल वाले घोड़ो को फौज में इस्तेमाल किया जाने जाता है। लोग बेहतरीन नस्ल वाले घोड़ो को पालकर उनको घुडसवारी के लिए या फिर रेस में इस्तेमाल करने के लिए भी बेचते है।
वैसे घोड़ों की सभी नस्लें सुन्दर होती हैं लेकिन दुनिया में घोड़ों की एक ऐसी प्रजाति भी है। जो इतनी सुन्दर है कि लोग इसे “स्वर्ग का घोड़ा” कहते हैं जिसे दुनिया अखल टेके के नाम से जानती है । तो चलिए नीचे देखियें घोड़ो की कुछ तस्वीरें…
घोड़ों की ये नस्ल जिसे अखल टेके नस्ल के नाम से जाना जाता है, यह तुर्कमेनिस्तान में पाई जाती है । इसकी त्वचा इतनी चमकदार होती है कि जैसे किसी चमकदार धातु की बनी हो।
वैज्ञानिकों का भी मानना है कि घोड़ों की इस नस्ल की त्वचा प्रकाश को रिफ्लेक्ट करती है । जिससे इनमें चमक खुद आ जाती है।
अखल टेके नस्ल के घोड़े सुन्दरता , तेज़ चाल, धैर्य और समझदारी के लिए भी जाने जाते हैं। लेकिन यह बड़े दुःख की बात है की अखल टेके नस्ल के घोड़ों की संख्या बहुत कम बची है।