श्राप ! से देवी-देवता भी नही बच पाए,स्वयं विष्णु ने भी उठाया था श्राप का भार

श्राप ! से देवी-देवता भी नही बच पाए,स्वयं विष्णु ने भी उठाया था श्राप का भार (  )

अधिकतर श्राप ऋषि-महर्षियों द्वारा मनुष्य  को दिया जाता था। ये तो आप अवश्य जानते होंगे पर भगवान को भी श्राप का सामना करना पड़ा था। क्या ये आप जानते है? यदि नही जानते तो आज हम आपको बताएगे किस देवता को  कौन सा श्राप मिला था।

आप सोच रहे होगे स्वयं ईश्वर को भी कोई श्राप दे सकता है क्या ! जी ऐसा हुआ था भगवान विष्णु को नारद जी ने श्राप दिया था। शिव पुराण के अनुसार माँ लक्ष्मी का स्वयंवर हो रहा था तब नारद जी ने  भी भाग लिया वह भी माँ लक्ष्मी से विवाह करना चाहते थे।

पर भगवान विष्णु  भी माँ लक्ष्मी से विवाह करना चाहते थे तो भगवान विष्णु ने छल से नारद जी का मुंह वानर के समान बना दिया।ताकि माँ लक्ष्मी उन पर मोहित ना हो जब स्वयंवर चालू हुआ तो लक्ष्मी जी नारद को छोड़कर भगवान विष्णु के पास गई और उनके गले में वरमाला डाल दी।

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जब नारद जी को पता चला की उनका मुख वानर रूपी करके विष्णु भगवान ने छल किया ।तब वह बहुत क्रोधित हुए  और इसी क्रोध में उन्होंने भगवान विष्णु को स्त्री  विरह में तड़पने का श्राप दे दिया।इस श्राप को भगवान विष्णु ने अपने मानव रूप राम के रूप में  पूरा किया उन्हें अपनी पत्नी सीता के वियोग में तड़पना पड़ा था।

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