एक गुरु और चेला समन्दर किनारे टहल रहे थे|वहा उन्होंने एक बोर्ड देखा जिस पर लिखा था,डूबते हुए को बचाने वाले को 500रूपये का इनाम दिया जाएगा|
बोर्ड पढ़ते ही गुरु को एक आइडिया सुझा उसने चेले से कहा मै समन्दर में कूद जाता हु|और मदद के लिए चिल्लाता हु |तुम मुझे बचा लेना जो 500 रूपये मिलेगे उसमे से 100 रूपये तुझे दूंगा|चेला कम पैसो से संतुष्ट नही था लेकिन मज़बूरी में हा बोल दी|
गुरु जी समंदर में कूदकर मदद के लिए चिल्लाने लगे|चेला आराम से बैठ कर देखता रहा|उसे यु बैठे देखकर गुरु जी बोले ,अबे अब आता क्यों नही मुझे बचाने?मुझे सचमुच तैरना नहीं आता |
चेला गुरूजी आपने बोर्ड ध्यान से नही पड़ा |निचे लिखा है,लाश निकालने वाले को 5000 रूपये का इनाम दिया जाएगा|
पांच हजार का इनाम
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